अमरकोषसम्पद्

         

आत्मभू (पुं) == कामदेवः

पुष्पधन्वा रतिपतिर्मकरध्वज आत्मभूः 
स्वर्गवर्गः 1.1.26.2.4

पर्यायपदानि
 मदनो मन्मथो मारः प्रद्युम्नो मीनकेतनः।
 कन्दर्पो दर्पकोऽनङ्गः कामः पञ्चशरः स्मरः॥
 शम्बरारिर्मनसिजः कुसुमेषुरनन्यजः।
 पुष्पधन्वा रतिपतिर्मकरध्वज आत्मभूः।
 नीलोत्पलं च पञ्चैते पञ्चबाणस्य सायकाः।
 संमोहनश्च कामस्य पञ्च बाणाः प्रकीर्तिताः॥
 ब्रह्मसूर्विश्वकेतुः स्यादनिरुद्ध उषापतिः।

 मदन (पुं)
 मन्मथ (पुं)
 मार (पुं)
 प्रद्युम्न (पुं)
 मीनकेतन (पुं)
 कन्दर्प (पुं)
 दर्पक (पुं)
 अनङ्ग (पुं)
 काम (पुं)
 पञ्चशर (पुं)
 स्मर (पुं)
 शम्बरारि (पुं)
 +सम्बरारि (पुं)
 मनसिज (पुं)
 कुसुमेषु (पुं)
 अनन्यज (पुं)
 पुष्पधन्वन् (पुं)
 रतिपति (पुं)
 मकरध्वज (पुं)
 आत्मभू (पुं)
 पञ्चबाण (पुं)
 काम (पुं)
 ब्रह्मसू (पुं)
 विश्वकेतु (पुं)
 +ऋश्यकेतु (पुं)
 +ऋष्यकेतु (पुं)
 +झषकेतु (पुं)
अर्थान्तरम्
 ब्रह्मात्मभूः सुरज्येष्ठः परमेष्ठी पितामहः।

 आत्मभू (पुं) - ब्रह्मा 1.1.16.1
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