अमरकोषसम्पद्

         

नीललोहित (पुं) == शिवः

कृशानुरेताः सर्वज्ञो धूर्जटिर्नीललोहितः 
स्वर्गवर्गः 1.1.33.1.4

पर्यायपदानि
 शम्भुरीशः पशुपतिः शिवः शूली महेश्वरः।
 ईश्वरः शर्व ईशानः शङ्करश्चन्द्रशेखरः॥
 भूतेशः खण्डपरशुर्गिरीशो गिरिशो मृडः।
 मृत्युञ्जयः कृत्तिवासाः पिनाकी प्रमथाधिपः॥
 उग्रः कपर्दी श्रीकण्ठः शितिकण्ठः कपालभृत्।
 वामदेवो महादेवो विरूपाक्षस्त्रिलोचनः॥
 कृशानुरेताः सर्वज्ञो धूर्जटिर्नीललोहितः।
 हरः स्मरहरो भर्गस्त्र्यम्बकस्त्रिपुरान्तकः॥
 गङ्गाधरोऽन्धकरिपुः क्रतुध्वंसी वृषध्वजः।
 व्योमकेशो भवो भीमः स्थाणू रुद्र उमापतिः।
 अहिर्बुध्न्योऽष्टमूर्तिश्च गजारिश्च महानटः॥

 शम्भु (पुं)
 ईश (पुं)
 पशुपति (पुं)
 शिव (पुं)
 शूलिन् (पुं)
 महेश्वर (पुं)
 ईश्वर (पुं)
 शर्व (पुं)
 +सर्व (पुं)
 ईशान (पुं)
 शङ्कर (पुं)
 चन्द्रशेखर (पुं)
 भूतेश (पुं)
 खण्डपरशु (पुं)
 गिरीश (पुं)
 गिरिश (पुं)
 मृड (पुं)
 मृत्युञ्जय (पुं)
 कृत्तिवासस् (पुं)
 पिनाकिन् (पुं)
 प्रमथाधिप (पुं)
 उग्र (पुं)
 कपर्दिन् (पुं)
 श्रीकण्ठ (पुं)
 शितिकण्ठ (पुं)
 कपालभृत् (पुं)
 वामदेव (पुं)
 महादेव (पुं)
 विरूपाक्ष (पुं)
 त्रिलोचन (पुं)
 कृशानुरेतस् (पुं)
 सर्वज्ञ (पुं)
 धूर्जटि (पुं)
 नीललोहित (पुं)
 हर (पुं)
 +हार (पुं)
 स्मरहर (पुं)
 भर्ग (पुं)
 +भर्ग्य (पुं)
 त्र्यम्बक (पुं)
 त्रिपुरान्तक (पुं)
 गङ्गाधर (पुं)
 अन्धकरिपु (पुं)
 क्रतुध्वंसिन् (पुं)
 वृषध्वज (पुं)
 व्योमकेश (पुं)
 भव (पुं)
 भीम (पुं)
 स्थाणु (पुं)
 रुद्र (पुं)
 उमापति (पुं)
 अहिर्बुध्न्य (पुं)
 अष्टमूर्ति (पुं)
 गजारि (पुं)
 महानट (पुं)
- Show pada
- Show sloka
- Show varga
- Search amarakosha
- Search apte dictionary
- Play audio
- Copy link to clipboard
- Report an issue