अमरकोषसम्पद्

         

कबन्ध (नपुं) == जलम्

कबन्धमुदकं पाथः पुष्करं सर्वतोमुखम् 
वारिवर्गः 1.10.4.1.1

पर्यायपदानि
 आपः स्त्री भूम्नि वार्वारि सलिलं कमलं जलम्।
 पयः कीलालममृतं जीवनं भुवनं वनम्॥
 कबन्धमुदकं पाथः पुष्करं सर्वतोमुखम्।
 अम्भोऽर्णस्तोयपानीयनीरक्षीराम्बुशम्बरम्॥
 मेघपुष्पं घनरसस्त्रिषु द्वे आप्यमम्मयम्।

 अप् (स्त्री-बहु)
 वार् (नपुं)
 वारि (नपुं)
 सलिल (नपुं)
 कमल (नपुं)
 जल (नपुं)
 पयस् (नपुं)
 कीलाल (नपुं)
 अमृत (नपुं)
 जीवन (नपुं)
 भुवन (नपुं)
 वन (नपुं)
 कबन्ध (नपुं)
 उदक (नपुं)
 पाथ (नपुं)
 पुष्कर (नपुं)
 सर्वतोमुख (नपुं)
 अम्भस् (नपुं)
 अर्णस् (नपुं)
 तोय (नपुं)
 पानीय (नपुं)
 नीर (नपुं)
 क्षीर (नपुं)
 अम्बु (नपुं)
 शम्बर (नपुं)
 मेघपुष्प (नपुं)
 घनरस (पुं)
अर्थान्तरम्
 कबन्धोऽस्त्री क्रियायुक्तमपमूर्धकलेवरम्।

 कबन्ध (पुं-नपुं) - छिन्नशिरसः शरीरम् 2.8.118.1
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