अमरकोषसम्पद्

         

अघ (नपुं) == पापम्

कलुषं वृजिनैनोऽघमंहो दुरितदुष्कृतम् 
कालवर्गः 1.4.23.2.4

पर्यायपदानि
 अस्त्री पङ्कः पुमान्पाप्मा पापं किल्बिषकल्मषम्।
 कलुषं वृजिनैनोऽघमंहो दुरितदुष्कृतम्॥

 पङ्क (पुं-नपुं)
 पाप्मन् (पुं)
 पाप (नपुं)
 किल्बिष (नपुं)
 कल्मष (नपुं)
 कलुष (नपुं)
 वृजिन (नपुं)
 एनस् (नपुं)
 अघ (नपुं)
 अंहस् (नपुं)
 +अंघस् (नपुं)
 दुरित (नपुं)
 दुष्कृत (नपुं)
अर्थान्तरम्
 मूल्ये पूजाविधावर्घोऽहोदुःखव्यसनेष्वघम्॥

 अघ (नपुं) - दुःखम् 3.3.27.2
 अघ (नपुं) - व्यसनम् 3.3.27.2
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