अमरकोषसम्पद्

         

मनाक् (अव्य) == ईषद् हासः

स्यादाच्छुरितकं हासः सोत्प्रासः स मनाक्स्मितम् 
नाट्यवर्गः 1.7.34.2.2

पर्यायपदानि
 स्यादाच्छुरितकं हासः सोत्प्रासः स मनाक्स्मितम्॥

 मनाक् (अव्य)
 स्मित (नपुं)
अर्थान्तरम्
 किञ्चिदीषन्मनागल्पे प्रेत्यामुत्र भवान्तरे॥

 मनाक् (अव्य) - अल्पम् 3.4.8.2
- Show pada
- Show sloka
- Show varga
- Search amarakosha
- Search apte dictionary
- Play audio
- Copy link to clipboard
- Report an issue