अमरकोषसम्पद्

         

ध्वाङ्क्ष (पुं) == काकः

ध्वाङ्क्षात्मघोषपरभृद्बलिभुग्वायसा अपि 
सिंहादिवर्गः 2.5.20.2.1

पर्यायपदानि
 काके तु करटारिष्टबलिपुष्टसकृत्प्रजाः।
 ध्वाङ्क्षात्मघोषपरभृद्बलिभुग्वायसा अपि॥
 स एव च चिरञ्जीवी चैकदृष्टिश्च मौकुलिः।

 काक (पुं)
 करट (पुं)
 अरिष्ट (पुं)
 बलिपुष्ट (पुं)
 सकृत्प्रज (पुं)
 ध्वाङ्क्ष (पुं)
 आत्मघोष (पुं)
 परभृत् (पुं)
 बलिभुज् (पुं)
 वायस (पुं)
 चिरञ्जीविन् (पुं)
 एकदृष्टि (पुं)
 मौकलि (पुं)
अर्थान्तरम्
 काकमत्स्यात्खगौ ध्वाङ्क्षौ कक्षौ च तृणवीरुधौ।

 ध्वाङ्क्ष (पुं) - मत्स्यात्खगः 3.3.220.1
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