अमरकोषसम्पद्

         

कवि (पुं) == विद्वान्

धीरो मनीषी ज्ञः प्राज्ञः संख्यावान्पण्डितः कविः 
ब्रह्मवर्गः 2.7.5.2.7

पर्यायपदानि
 विद्वान्विपश्चिद्दोषज्ञः सन्सुधीः कोविदो बुधः।
 धीरो मनीषी ज्ञः प्राज्ञः संख्यावान्पण्डितः कविः॥
 धीमान्सूरिः कृती कृष्टिर्लब्धवर्णो विचक्षणः।
 दूरदर्शी दीर्घदर्शी श्रोत्रियच्छान्दसौ समौ॥

 विद्वस् (पुं)
 विपश्चित् (पुं)
 दोषज्ञ (पुं)
 सत् (पुं)
 सुधी (पुं)
 कोविद (पुं)
 बुध (पुं)
 धीर (पुं)
 मनीषिन् (पुं)
 ज्ञ (पुं)
 प्राज्ञ (पुं)
 सङ्ख्यावत् (पुं)
 पण्डित (पुं)
 कवि (पुं)
 धीमत् (पुं)
 सूरिन् (पुं)
 कृतिन् (पुं)
 कृष्टि (पुं)
 लब्धवर्ण (पुं)
 विचक्षण (पुं)
 दूरदर्शिन् (पुं)
 दीर्घदर्शिन् (पुं)
अर्थान्तरम्
 शुक्रो दैत्यगुरुः काव्य उशना भार्गवः कविः।

 कवि (पुं) - शुक्राचार्यः 1.3.25.1
- Show pada
- Show sloka
- Show varga
- Search amarakosha
- Search apte dictionary
- Play audio
- Copy link to clipboard
- Report an issue