अमरकोषसम्पद्

         

विस्रम्भ (पुं) == प्रणयम्

कुक्षिभ्रूणार्भका गर्भा विस्रम्भः प्रणयेऽपि च 
नानार्थवर्गः 3.3.135.2.2

पर्यायपदानि
 अभिमानोऽर्थादिदर्पे ज्ञाने प्रणयहिंसयोः।
 कुक्षिभ्रूणार्भका गर्भा विस्रम्भः प्रणयेऽपि च॥

 अभिमान (पुं)
 विस्रम्भ (पुं)
अर्थान्तरम्
 समौ विस्रम्भविश्वासौ भ्रेषो भ्रंशो यथोचितात्॥

 विस्रम्भ (पुं) - विश्वासः 2.8.23.2
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