अमरकोषसम्पद्

         

सत्त्व (नपुं) == शरीरवायुः

द्रव्यासु व्यवसायेऽपि सत्त्वमस्त्री तु जन्तुषु 
नानार्थवर्गः 3.3.213.2.1

पर्यायपदानि
 द्रव्यासु व्यवसायेऽपि सत्त्वमस्त्री तु जन्तुषु॥

 सत्त्व (नपुं)
अर्थान्तरम्
 विशेषः कालिकोऽवस्था गुणाः सत्त्वं रजस्तमः॥
 द्रव्यासु व्यवसायेऽपि सत्त्वमस्त्री तु जन्तुषु॥

 सत्त्व (नपुं) - गुणः 1.4.29.2
 सत्त्व (नपुं) - वस्तु 3.3.213.2
 सत्त्व (नपुं) - व्यवसायः 3.3.213.2
 सत्त्व (पुं-नपुं) - जन्तुः 3.3.213.2
सत्त्व (नपुं) == वस्तु

द्रव्यासु व्यवसायेऽपि सत्त्वमस्त्री तु जन्तुषु 
नानार्थवर्गः 3.3.213.2.1

पर्यायपदानि
 द्रव्यासु व्यवसायेऽपि सत्त्वमस्त्री तु जन्तुषु॥

 सत्त्व (नपुं)
अर्थान्तरम्
 विशेषः कालिकोऽवस्था गुणाः सत्त्वं रजस्तमः॥
 द्रव्यासु व्यवसायेऽपि सत्त्वमस्त्री तु जन्तुषु॥

 सत्त्व (नपुं) - गुणः 1.4.29.2
 सत्त्व (नपुं) - वस्तु 3.3.213.2
 सत्त्व (नपुं) - व्यवसायः 3.3.213.2
 सत्त्व (पुं-नपुं) - जन्तुः 3.3.213.2
सत्त्व (नपुं) == व्यवसायः

द्रव्यासु व्यवसायेऽपि सत्त्वमस्त्री तु जन्तुषु 
नानार्थवर्गः 3.3.213.2.1

पर्यायपदानि
 द्रव्यासु व्यवसायेऽपि सत्त्वमस्त्री तु जन्तुषु॥

 सत्त्व (नपुं)
अर्थान्तरम्
 विशेषः कालिकोऽवस्था गुणाः सत्त्वं रजस्तमः॥
 द्रव्यासु व्यवसायेऽपि सत्त्वमस्त्री तु जन्तुषु॥

 सत्त्व (नपुं) - गुणः 1.4.29.2
 सत्त्व (नपुं) - वस्तु 3.3.213.2
 सत्त्व (नपुं) - व्यवसायः 3.3.213.2
 सत्त्व (पुं-नपुं) - जन्तुः 3.3.213.2
सत्त्व (पुं-नपुं) == जन्तुः

द्रव्यासु व्यवसायेऽपि सत्त्वमस्त्री तु जन्तुषु 
नानार्थवर्गः 3.3.213.2.1

पर्यायपदानि
 द्रव्यासु व्यवसायेऽपि सत्त्वमस्त्री तु जन्तुषु॥

 सत्त्व (नपुं)
अर्थान्तरम्
 विशेषः कालिकोऽवस्था गुणाः सत्त्वं रजस्तमः॥
 द्रव्यासु व्यवसायेऽपि सत्त्वमस्त्री तु जन्तुषु॥

 सत्त्व (नपुं) - गुणः 1.4.29.2
 सत्त्व (नपुं) - वस्तु 3.3.213.2
 सत्त्व (नपुं) - व्यवसायः 3.3.213.2
 सत्त्व (पुं-नपुं) - जन्तुः 3.3.213.2
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