अमरकोषसम्पद्

         

किल (अव्य) == सम्भाव्यः

स्वर्गे परे च लोके स्वर्वार्तासम्भाव्ययोः किल 
नानार्थवर्गः 3.3.255.2.2

पर्यायपदानि
 नाम प्राकाश्यसम्भाव्यक्रोधोपगमकुत्सने॥
 स्वर्गे परे च लोके स्वर्वार्तासम्भाव्ययोः किल॥

 नामन् (अव्य)
 किल (अव्य)
अर्थान्तरम्
 स्वर्गे परे च लोके स्वर्वार्तासम्भाव्ययोः किल॥

 किल (अव्य) - वार्ता 3.3.255.2
किल (अव्य) == वार्ता

स्वर्गे परे च लोके स्वर्वार्तासम्भाव्ययोः किल 
नानार्थवर्गः 3.3.255.2.2

पर्यायपदानि
 नाम प्राकाश्यसम्भाव्यक्रोधोपगमकुत्सने॥
 स्वर्गे परे च लोके स्वर्वार्तासम्भाव्ययोः किल॥

 नामन् (अव्य)
 किल (अव्य)
अर्थान्तरम्
 स्वर्गे परे च लोके स्वर्वार्तासम्भाव्ययोः किल॥

 किल (अव्य) - वार्ता 3.3.255.2
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