अमरकोषसम्पद्

         

वारिवर्गः 1.10.26

आहावस्तु निपानं स्यादुपकूपजलाशये
पुंस्येवान्धुः प्रहिः कूप उदपानं तु पुंसि वा

आहाव (पुं) = कूपसमीपरचितजलाधारः. 1.10.26.1.1

निपान (नपुं) = कूपसमीपरचितजलाधारः. 1.10.26.1.2

अन्धु (पुं) = कूपः. 1.10.26.2.1

प्रहि (पुं) = कूपः. 1.10.26.2.2

कूप (पुं) = कूपः. 1.10.26.2.3

उदपान (पुं-नपुं) = कूपः. 1.10.26.2.4

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