अमरकोषसम्पद्

         

नाट्यवर्गः 1.7.24

क्षान्तिस्तितिक्षाभिध्या तु परस्य विषये स्पृहा
अक्षान्तिरीर्ष्यासूया तु दोषारोपो गुणेष्वपि

क्षान्ति (स्त्री) = क्षमा. 1.7.24.1.1

तितिक्षा (स्त्री) = क्षमा. 1.7.24.1.2

अभिध्या (स्त्री) = परद्रव्येच्छा. 1.7.24.1.3

अक्षान्ति (स्त्री) = परोत्कर्षासहिष्णुत्वम्. 1.7.24.2.1

ईर्ष्या (स्त्री) = परोत्कर्षासहिष्णुत्वम्. 1.7.24.2.2

असूया (स्त्री) = गुणेषु दोषारोपः. 1.7.24.2.3

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