अमरकोषसम्पद्

         

क्षत्रियवर्गः 2.8.108

विस्फारो धनुषः स्वानः पताहाडम्बरो समौ
प्रसभं तु बलात्कारो हठोऽथ स्खलितं छलम्

विस्फार (पुं) = धनुषः शब्दः. 2.8.108.1.1

पटह (पुं) = युद्धपटहः. 2.8.108.1.2

आडम्बर (पुं) = युद्धपटहः. 2.8.108.1.3

प्रसभ (नपुं) = बलात्कारः. 2.8.108.2.1

बलात्कार (पुं) = बलात्कारः. 2.8.108.2.2

हठ (पुं) = बलात्कारः. 2.8.108.2.3

स्खलित (नपुं) = युद्धमर्यादायाश्चलनम्. 2.8.108.2.4

छल (नपुं) = युद्धमर्यादायाश्चलनम्. 2.8.108.2.5

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