अमरकोषसम्पद्

         

क्षत्रियवर्गः 2.8.110

अभ्यवस्कन्दनं त्वभ्यासादनं विजयो जयः
वैरशुद्धिः प्रतीकारो वैरनिर्यातनं च सा

अभ्यवस्कन्दन (नपुं) = छलादाक्रमणम्. 2.8.110.1.1

अभ्यासादन (नपुं) = छलादाक्रमणम्. 2.8.110.1.2

विजय (पुं) = विजयः. 2.8.110.1.3

जय (पुं) = विजयः. 2.8.110.1.4

वैरशुद्धि (स्त्री) = वैरशोधनम्. 2.8.110.2.1

प्रतीकार (पुं) = वैरशोधनम्. 2.8.110.2.2

वैरनिर्यातन (नपुं) = वैरशोधनम्. 2.8.110.2.3

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