अमरकोषसम्पद्

         

क्षत्रियवर्गः 2.8.30

अदृष्टं वह्नितोयादि दृष्टं स्वपरचक्रजम्
महीभुजामहिभयं स्वपक्षप्रभवं भयम्

अदृष्ट (नपुं) = अग्न्यादिकृतभयम्. 2.8.30.1.1

दृष्ट (नपुं) = स्वपरसैन्याद्भयम्. 2.8.30.1.2

अहिभय (नपुं) = स्वपक्षप्रभवभयम्. 2.8.30.2.1

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