अमरकोषसम्पद्

         

क्षत्रियवर्गः 2.8.63

कञ्चुको वारबाणोऽस्त्री यत्तु मध्ये सकञ्चुकाः
बध्नन्ति तत्सारसनमधिकाङ्गोऽथ शीर्षकम्

कञ्चुक (पुं) = चोलकादिसन्नाहः. 2.8.63.1.1

वारबाण (पुं-नपुं) = चोलकादिसन्नाहः. 2.8.63.1.2

सारसन (नपुं) = दार्ढ्यार्थं कञ्चुकोपरि बद्धः. 2.8.63.2.1

अधिकाङ्ग (पुं) = दार्ढ्यार्थं कञ्चुकोपरि बद्धः. 2.8.63.2.2

शीर्षक (नपुं) = शिरस्त्राणः. 2.8.63.2.3

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