अमरकोषसम्पद्

         

वैश्यवर्गः 2.9.13

दात्रं लवित्रमाबन्धो योत्रं योक्त्रमथो फलम्
निरीशं कुटकं फालः कृषको लाङ्गलं हलम्

दात्र (नपुं) = तृणच्छेदनायुधम्. 2.9.13.1.1

लवित्र (नपुं) = तृणच्छेदनायुधम्. 2.9.13.1.2

आबन्ध (पुं) = वृषादेर्युगबन्धनरज्जुः. 2.9.13.1.3

योत्र (नपुं) = वृषादेर्युगबन्धनरज्जुः. 2.9.13.1.4

योक्त्र (नपुं) = वृषादेर्युगबन्धनरज्जुः. 2.9.13.1.5

फल (नपुं) = लाङ्गलस्याधस्थलोहकाष्ठम्. 2.9.13.1.6

निरीश (नपुं) = लाङ्गलस्याधस्थलोहकाष्ठम्. 2.9.13.2.1

कुटक (नपुं) = लाङ्गलस्याधस्थलोहकाष्ठम्. 2.9.13.2.2

फाल (पुं) = लाङ्गलस्याधस्थलोहकाष्ठम्. 2.9.13.2.3

कृषिक (पुं) = लाङ्गलस्याधस्थलोहकाष्ठम्. 2.9.13.2.4

लाङ्गल (नपुं) = हलम्. 2.9.13.2.5

हल (नपुं) = हलम्. 2.9.13.2.6

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