अमरकोषसम्पद्

         

वैश्यवर्गः 2.9.4

उद्धारोऽर्थप्रयोगस्तु कुसीदं वृद्धिजीविका
याच्ञयाप्तं याचितकं निमयादापमित्यकम्

उद्धार (पुं) = ऋणम्. 2.9.4.1.1

अर्थप्रयोग (पुं) = ऋणसम्बन्धिकालान्तरद्रव्येण लोकजीविका. 2.9.4.1.2

कुसीद (नपुं) = ऋणसम्बन्धिकालान्तरद्रव्येण लोकजीविका. 2.9.4.1.3

वृद्धिजीविका (स्त्री) = ऋणसम्बन्धिकालान्तरद्रव्येण लोकजीविका. 2.9.4.1.4

याचितक (नपुं) = याच्ञया प्राप्तम्. 2.9.4.2.1

आपमित्यक (नपुं) = परिवर्तनेनाप्तम्. 2.9.4.2.2

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