अमरकोषसम्पद्

         

वैश्यवर्गः 2.9.50

यवागूरुष्णिका श्राणा विलेपी तरला च सा
म्रक्षणाभ्यञ्जने तैलं कृसरस्तु तिलौदनः
गव्यं त्रिषु गवां सर्वं गोविड्गोमयस्त्रियाम्

यवागू (स्त्री) = यवागू. 2.9.50.1.1

उष्णिका (स्त्री) = यवागू. 2.9.50.1.2

श्राणा (स्त्री) = यवागू. 2.9.50.1.3

विलेपी (स्त्री) = यवागू. 2.9.50.1.4

तरला (स्त्री) = यवागू. 2.9.50.1.5

म्रक्षण (नपुं) = तैलम्. 2.9.50.2.1

अभ्यञ्जन (नपुं) = तैलम्. 2.9.50.2.2

तैल (नपुं) = तैलम्. 2.9.50.2.3

कृसर (नपुं) = तिलौदनः. 2.9.50.2.4

तिलौदन (पुं) = तिलौदनः. 2.9.50.2.5

गव्य (वि) = गोरसम्. 2.9.50.3.1

गोविष् (पुं-नपुं) = गोमयम्. 2.9.50.3.2

गोमय (पुं-नपुं) = गोमयम्. 2.9.50.3.3

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