अमरकोषसम्पद्

         

वैश्यवर्गः 2.9.62

शकृत्करिस्तु वत्सस्याद्दम्यवत्सतरौ समौ
आर्षभ्यः षण्डतायोग्यः षण्डो गोपतिरिट्चरः

शकृत्करि (पुं) = वृषभवत्सः. 2.9.62.1.1

वत्स (पुं) = वृषभवत्सः. 2.9.62.1.2

दम्य (पुं) = स्पष्टतारुण्यवृषभः. 2.9.62.1.3

वत्सतर (पुं) = स्पष्टतारुण्यवृषभः. 2.9.62.1.4

आर्षभ्य (पुं) = तारुण्यप्राप्तवृषभः. 2.9.62.2.1

षण्डतायोग्य (पुं) = तारुण्यप्राप्तवृषभः. 2.9.62.2.2

षण्ड (पुं) = साण्डवृषभः. 2.9.62.2.3

गोपति (पुं) = साण्डवृषभः. 2.9.62.2.4

इट्चर (पुं) = साण्डवृषभः. 2.9.62.2.5

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