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वैश्यवर्गः 2.9.7
यव्यं यवक्यं षष्टिक्यं यवादिभवनं हि यत्
तिल्यं तैलीनवन्माषोमाणुभङ्गा द्विरूपता
यव्य (वि) = यवक्षेत्रम्. 2.9.7.1.1
यवक्य (वि) = यवकक्षेत्रम्. 2.9.7.1.2
षष्टिक्य (वि) = षष्टिकक्षेत्रम्. 2.9.7.1.3
तिल्य (वि) = तिलक्षेत्रम्. 2.9.7.2.1
तैलीन (वि) = तिलक्षेत्रम्. 2.9.7.2.2
माष्य (नपुं) = माषक्षेत्रम्. 2.9.7.2.3
माषीण (वि) = माषक्षेत्रम्. 2.9.7.2.4
उम्य (नपुं) = उमाक्षेत्रम्. 2.9.7.2.5
औमीन (नपुं) = उमाक्षेत्रम्. 2.9.7.2.6
अणव्य (नपुं) = अणुधान्यक्षेत्रम्. 2.9.7.2.7
अणवीन (वि) = अणुधान्यक्षेत्रम्. 2.9.7.2.8
भङ्ग्य (नपुं) = भङ्गाधान्यक्षेत्रम्. 2.9.7.2.9
भाङ्गीन (वि) = भङ्गाधान्यक्षेत्रम्. 2.9.7.2.10
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