अमरकोषसम्पद्

         

सङ्कीर्णवर्गः 3.2.9

ओषः प्लोषे नयो नाये ज्यानिर्जीर्णौ भ्रमो भ्रमौ
स्फातिर्वृद्धौ प्रथाख्यातौ स्पृष्टिः पृक्तौ स्नवः स्रवे

ओष (पुं) = दाहः. 3.2.9.1.1

प्लोष (पुं) = दाहः. 3.2.9.1.2

नय (पुं) = नीतिः. 3.2.9.1.3

नाय (पुं) = नीतिः. 3.2.9.1.4

ज्यानि (स्त्री) = जीर्णत्वम्. 3.2.9.1.5

जीर्ण (पुं) = जीर्णत्वम्. 3.2.9.1.6

भ्रम (पुं) = भ्रमणम्. 3.2.9.1.7

भ्रमि (स्त्री) = भ्रमणम्. 3.2.9.1.8

स्फाति (स्त्री) = वृद्धिः. 3.2.9.2.1

वृद्धि (स्त्री) = वृद्धिः. 3.2.9.2.2

प्रथा (स्त्री) = कीर्तिः. 3.2.9.2.3

ख्याति (स्त्री) = कीर्तिः. 3.2.9.2.4

स्पृष्टि (स्त्री) = स्पर्शनम्. 3.2.9.2.5

पृक्ति (स्त्री) = स्पर्शनम्. 3.2.9.2.6

स्नव (पुं) = प्रस्रवणम्. 3.2.9.2.7

स्रव (पुं) = प्रस्रवणम्. 3.2.9.2.8

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