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नानार्थवर्गः 3.3.152
सङ्घाते सन्निवेशे च संस्त्यायः प्रणयास्त्वमी
विस्रम्भयाञ्चाप्रेमाणो विरोधेऽपि समुच्छ्रयः
संस्त्याय (पुं) = सन्निवेशः. 3.3.152.1.1
संस्त्याय (पुं) = समूहः. 3.3.152.1.1
प्रणय (पुं) = स्नेहः. 3.3.152.1.2
प्रणय (पुं) = विश्रम्भः. 3.3.152.1.2
प्रणय (पुं) = याचनम्. 3.3.152.1.2
समुच्छ्रय (पुं) = विरोधः. 3.3.152.2.1
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