अमरकोषसम्पद्

         

नानार्थवर्गः 3.3.230

लालसे प्रार्थनौत्सुक्ये हिंसा चौर्यादिकर्म च
प्रसूरश्वापि भूद्यावौ रोदस्यौ रोदसी च ते

लालसा (स्त्री) = प्रार्थना. 3.3.230.1.1

लालसा (स्त्री) = औत्सुक्यम्. 3.3.230.1.1

हिंसा (स्त्री) = चौर्यादिपरोपद्रवकर्मः. 3.3.230.1.2

प्रसू (स्त्री) = अश्वा. 3.3.230.2.1

रोदस् (नपुं) = आकाशः. 3.3.230.2.2

रोदस् (नपुं) = भूमिः. 3.3.230.2.2

रोदसी (स्त्री) = आकाशः. 3.3.230.2.3

रोदसी (स्त्री) = भूमिः. 3.3.230.2.3

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