अमरकोषसम्पद्
amara
other koshas
shabda rupavali
apte etc
sambhashana sandesha
digital corpus
SARIT
Pandanus
previous
next
नानार्थवर्गः 3.3.245
खेदानुकम्पासन्तोषविस्मयामन्त्रणे बत
हन्त हर्षेऽनुकम्पायां वाक्यारम्भविषादयोः
बत (अव्य) = आमन्त्रणम्. 3.3.245.1.1
बत (अव्य) = करुणरसः. 3.3.245.1.1
बत (अव्य) = सन्तोषम्. 3.3.245.1.1
बत (अव्य) = विस्मयः. 3.3.245.1.1
बत (अव्य) = दुःखम्. 3.3.245.1.1
हन्त (अव्य) = आनन्दः. 3.3.245.2.1
हन्त (अव्य) = करुणरसः. 3.3.245.2.1
हन्त (अव्य) = वाक्यारम्भः. 3.3.245.2.1
हन्त (अव्य) = विषादः. 3.3.245.2.1
- Show pada
- Show sloka
- Show varga
- Search amarakosha
- Search apte dictionary
- Play audio
- Copy link to clipboard
- Report an issue