अमरकोषसम्पद्

         

नानार्थवर्गः 3.3.38

आर्त्युत्कर्षाश्रयः कोट्यो मूले लग्नकचे जटा
व्युष्टिः फले समृद्धौ च दृष्टिर्ज्ञानेऽक्ष्णि दर्शने

कोटी (स्त्री) = अत्युत्कर्षः. 3.3.38.1.1

कोटी (स्त्री) = आश्रयः. 3.3.38.1.1

जटा (स्त्री) = मूलम्. 3.3.38.1.2

व्युष्टि (स्त्री) = फलम्. 3.3.38.2.1

व्युष्टि (स्त्री) = समृद्धिः. 3.3.38.2.1

दृष्टि (स्त्री) = ज्ञानम्. 3.3.38.2.2

दृष्टि (स्त्री) = वीक्षणम्. 3.3.38.2.2

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