अमरकोषसम्पद्

         

नानार्थवर्गः 3.3.44

स्याद्भाण्डमश्वाभरणेऽमत्रे मूलवणिग्धने
भृशप्रतिज्ञयोर्बाढं प्रगाढं भृशकृच्छ्रयोः

भाण्ड (नपुं) = अश्वभूषा. 3.3.44.1.1

भाण्ड (नपुं) = मूलवणिग्धनम्. 3.3.44.1.1

बाढ (नपुं) = भृशप्रतिज्ञा. 3.3.44.2.1

प्रगाढ (नपुं) = भृशम्. 3.3.44.2.2

प्रगाढ (नपुं) = दुःखम्. 3.3.44.2.2

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