अमरकोषसम्पद्

         

नानार्थवर्गः 3.3.63

क्षत्ता स्यात्सारथौ द्वाःस्थे क्षत्रियायां च शूद्रजे
वृत्तान्तः स्यात्प्रकरणे प्रकारे कार्त्स्न्यवार्तयोः

क्षन्त्रृ (पुं) = द्वारपालकः. 3.3.63.1.1

वृत्तान्त (पुं) = भेदः. 3.3.63.2.1

वृत्तान्त (पुं) = कार्त्स्न्यम्. 3.3.63.2.1

वृत्तान्त (पुं) = प्रकरणम्. 3.3.63.2.1

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