अमरकोषसम्पद्

         

अधिकाङ्ग (पुं) == दार्ढ्यार्थं कञ्चुकोपरि बद्धः

बध्नन्ति तत्सारसनमधिकाङ्गोऽथ शीर्षकम् 
क्षत्रियवर्गः 2.8.63.2.2

पर्यायपदानि
 बध्नन्ति तत्सारसनमधिकाङ्गोऽथ शीर्षकम्॥

 सारसन (नपुं)
 अधिकाङ्ग (पुं)
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