अमरकोषसम्पद्

         

मार्गण (पुं) == बाणः

कलम्बमार्गणशराः पत्री रोप इषुर्द्वयोः 
क्षत्रियवर्गः 2.8.87.1.2

पर्यायपदानि
 पृषत्कबाणविशिखा अजिह्मगखगाशुगाः॥
 कलम्बमार्गणशराः पत्री रोप इषुर्द्वयोः।

 पृषत्क (पुं)
 बाण (पुं)
 विशिख (पुं)
 अजिह्मग (पुं)
 खग (पुं)
 आशुग (पुं)
 कलम्ब (पुं)
 मार्गण (पुं)
 शर (पुं)
 पत्रिन् (पुं)
 रोप (पुं)
 इषु (स्त्री-पुं)
अर्थान्तरम्
 वनीयको याचनको मार्गणो याचकार्थिनौ॥
 संवीक्षणं विचयनं मार्गणं मृगणा मृगः।

 मार्गण (वि) - याचकः 3.1.49.2
 मार्गण (नपुं) - अन्वेषणम् 3.2.30.1
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