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Pandanus
वियत् (नपुं) == आकाशः
वियद्विष्णुपदं वा तु पुंस्याकाशविहायसी
व्योमवर्गः 1.2.1.3.1
पर्यायपदानि
द्योदिवौ द्वे स्त्रियामभ्रं व्योम पुष्करमम्बरम्।
नभोऽन्तरिक्षं गगनमनन्तं सुरवर्त्म खम्।
वियद्विष्णुपदं वा तु पुंस्याकाशविहायसी।
विहायसोऽपि नाकोऽपि द्युरपि स्यात्तदव्ययम्।
तारापथोऽन्तरिक्षं च मेघाध्वा च महाबिलम्।
विहायाः शकुने पुंसि गगने पुन्नपुंसकम्॥
द्यो (स्त्री)
दिव् (स्त्री)
अभ्र (नपुं)
व्योमन् (नपुं)
पुष्कर (नपुं)
अम्बर (नपुं)
नभस् (पुं)
अन्तरिक्ष (नपुं)
गगन (नपुं)
अनन्त (नपुं)
सुरवर्त्मन् (नपुं)
ख (नपुं)
वियत् (नपुं)
विष्णुपद (नपुं)
आकाश (पुं-नपुं)
विहायस् (पुं-नपुं)
विहायस् (पुं)
नाक (पुं)
द्यु (अव्य)
अव्यय (वि)
तारापथ (पुं)
अन्तरिक्ष (नपुं)
मेघाध्वन् (पुं)
महाबिल (नपुं)
शकुन (पुं)
गगन (नपुं)
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