अमरकोषसम्पद्

         

प्रमथन (नपुं) == मारणम्

उद्वासनप्रमथनक्रथनोज्जासनानि च 
क्षत्रियवर्गः 2.8.115.1.2

पर्यायपदानि
 प्रमापणं निबर्हणं निकारणं विशारणम्॥
 प्रवासनं परासनं निषूदनं निहिंसनम्।
 निर्वासनं संज्ञपनं निर्ग्रन्थनमपासनम्॥
 निस्तर्हणं निहननं क्षणनं परिवर्जनम्।
 निर्वापणं विशसनं मारणं प्रतिघातनम्॥
 उद्वासनप्रमथनक्रथनोज्जासनानि च।
 आलम्भपिञ्जविशरघातोन्माथवधा अपि॥

 प्रमापण (नपुं)
 निबर्हण (नपुं)
 निकारण (नपुं)
 विशारण (नपुं)
 प्रवासन (नपुं)
 परासन (नपुं)
 निषूदन (नपुं)
 निहिंसन (नपुं)
 निर्वासन (नपुं)
 संज्ञपन (नपुं)
 निर्ग्रन्थन (नपुं)
 अपासन (नपुं)
 निस्तर्हण (नपुं)
 निहनन (नपुं)
 क्षणन (नपुं)
 परिवर्जन (नपुं)
 निर्वापण (नपुं)
 विशसन (नपुं)
 मारण (नपुं)
 प्रतिघातन (नपुं)
 उद्वासन (नपुं)
 प्रमथन (नपुं)
 क्रथन (नपुं)
 उज्जासन (नपुं)
 आलम्भ (पुं)
 पिञ्ज (पुं)
 विशर (पुं)
 घात (पुं)
 उन्माथ (पुं)
 वध (पुं)
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