अमरकोषसम्पद्

         

क्षम (वि) == हितम्

क्षितिक्षान्त्योः क्षमायुक्ते क्षमं शक्ते हिते त्रिषु 
नानार्थवर्गः 3.3.143.1.2

पर्यायपदानि
 क्षितिक्षान्त्योः क्षमायुक्ते क्षमं शक्ते हिते त्रिषु।
 समर्थस्त्रिषु शक्तिस्थे सम्बद्धार्थे हितेऽपि च।

 समर्थ (वि)
 क्षम (वि)
अर्थान्तरम्
 क्षितिक्षान्त्योः क्षमायुक्ते क्षमं शक्ते हिते त्रिषु।

 क्षम (वि) - सक्तम् 3.3.143.1
 क्षम (वि) - युक्तम् 3.3.143.1
क्षम (वि) == सक्तम्

क्षितिक्षान्त्योः क्षमायुक्ते क्षमं शक्ते हिते त्रिषु 
नानार्थवर्गः 3.3.143.1.2

पर्यायपदानि
 क्षितिक्षान्त्योः क्षमायुक्ते क्षमं शक्ते हिते त्रिषु।
 समर्थस्त्रिषु शक्तिस्थे सम्बद्धार्थे हितेऽपि च।

 समर्थ (वि)
 क्षम (वि)
अर्थान्तरम्
 क्षितिक्षान्त्योः क्षमायुक्ते क्षमं शक्ते हिते त्रिषु।

 क्षम (वि) - सक्तम् 3.3.143.1
 क्षम (वि) - युक्तम् 3.3.143.1
क्षम (वि) == युक्तम्

क्षितिक्षान्त्योः क्षमायुक्ते क्षमं शक्ते हिते त्रिषु 
नानार्थवर्गः 3.3.143.1.2

पर्यायपदानि
 क्षितिक्षान्त्योः क्षमायुक्ते क्षमं शक्ते हिते त्रिषु।
 समर्थस्त्रिषु शक्तिस्थे सम्बद्धार्थे हितेऽपि च।

 समर्थ (वि)
 क्षम (वि)
अर्थान्तरम्
 क्षितिक्षान्त्योः क्षमायुक्ते क्षमं शक्ते हिते त्रिषु।

 क्षम (वि) - सक्तम् 3.3.143.1
 क्षम (वि) - युक्तम् 3.3.143.1
- Show pada
- Show sloka
- Show varga
- Search amarakosha
- Search apte dictionary
- Play audio
- Copy link to clipboard
- Report an issue