अमरकोषसम्पद्

         

वारिवर्गः 1.10.27

नेमिस्त्रिकास्य वीनाहो मुखबन्धनमस्य यत्
पुष्करिण्यां तु खातं स्यादखातं देवखातकम्

नेमि (स्त्री) = कूपस्यान्तरे रज्ज्वादिधारणार्थदारुयन्त्रः. 1.10.27.1.1

त्रिका (स्त्री) = कूपस्यान्तरे रज्ज्वादिधारणार्थदारुयन्त्रः. 1.10.27.1.2

वीनाह (पुं) = कूपमुखे इष्टकादिभिर्बद्धः. 1.10.27.1.3

पुष्करिणी (स्त्री) = समचतुरस्रखातः. 1.10.27.2.1

खात (नपुं) = समचतुरस्रखातः. 1.10.27.2.2

अखात (पुं-नपुं) = अकृत्रिमजलाशयः. 1.10.27.2.3

देवखातक (नपुं) = अकृत्रिमजलाशयः. 1.10.27.2.4

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