अमरकोषसम्पद्

         

नाट्यवर्गः 1.7.28

कामोऽभिलाषस्तर्षश्च सोऽत्यर्थं लालसा द्वयोः
उपाधिर्ना धर्मचिन्ता पुंस्याधिर्मानसी व्यथा

काम (पुं) = स्पृहा. 1.7.28.1.1

अभिलाष (पुं) = स्पृहा. 1.7.28.1.2

तर्ष (पुं) = स्पृहा. 1.7.28.1.3

लालसा (स्त्री-पुं) = अतिप्रीतिः. 1.7.28.1.4

उपाधि (पुं) = धर्मविचारः. 1.7.28.2.1

धर्मचिन्ता (स्त्री) = धर्मविचारः. 1.7.28.2.2

आधि (पुं) = मनःपीडा. 1.7.28.2.3

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