अमरकोषसम्पद्

         

पातालभोगिवर्गः 1.8.8

दर्वीकरो दीर्घपृष्ठो दन्दशूको बिलेशयः
उरगः पन्नगो भोगी जिह्मगः पवनाशनः
लेलिहानो द्विरसनो गोकर्णः कञ्चुकी तथा
कुम्भीनसः फणधरो हरिर्भोगधरस्तथा

दर्वीकर (पुं) = सर्पः. 1.8.8.1.1

दीर्घपृष्ठ (पुं) = सर्पः. 1.8.8.1.2

दन्दशूक (पुं) = सर्पः. 1.8.8.1.3

बिलेशय (पुं) = सर्पः. 1.8.8.1.4

उरग (पुं) = सर्पः. 1.8.8.2.1

पन्नग (पुं) = सर्पः. 1.8.8.2.2

भोगी (पुं) = सर्पः. 1.8.8.2.3

जिह्मग (पुं) = सर्पः. 1.8.8.2.4

पवनाशन (पुं) = सर्पः. 1.8.8.2.5

लेलिहान (पुं) = सर्पः. 1.8.8.3.1

द्विरसन (पुं) = सर्पः. 1.8.8.3.2

गोकर्ण (पुं) = सर्पः. 1.8.8.3.3

कञ्चुकिन् (पुं) = सर्पः. 1.8.8.3.4

कुम्भीनस (पुं) = सर्पः. 1.8.8.4.1

फणधर (पुं) = सर्पः. 1.8.8.4.2

हरि (पुं) = सर्पः. 1.8.8.4.3

भोगधर (पुं) = सर्पः. 1.8.8.4.4

- Show pada
- Show sloka
- Show varga
- Search amarakosha
- Search apte dictionary
- Play audio
- Copy link to clipboard
- Report an issue