अमरकोषसम्पद्

         

शैलवर्गः 2.3.4

पाषाणप्रस्तरग्रावोपलाश्मानः शिला दृषत्
कूटोऽस्त्री शिखरं शृङ्गं प्रपातस्त्वतटो भृगुः

पाषाण (पुं) = पाषाणः. 2.3.4.1.1

प्रस्तर (पुं) = पाषाणः. 2.3.4.1.2

ग्रावन् (पुं) = पाषाणः. 2.3.4.1.3

उपल (पुं) = पाषाणः. 2.3.4.1.4

अश्मन् (पुं) = पाषाणः. 2.3.4.1.5

शिला (स्त्री) = पाषाणः. 2.3.4.1.6

दृषद् (स्त्री) = पाषाणः. 2.3.4.1.7

कूट (पुं-नपुं) = पर्वताग्रः. 2.3.4.2.1

शिखर (नपुं) = पर्वताग्रः. 2.3.4.2.2

शृङ्ग (नपुं) = पर्वताग्रः. 2.3.4.2.3

प्रपात (पुं) = पर्वतात्पतनस्थानम्. 2.3.4.2.4

अतट (पुं) = पर्वतात्पतनस्थानम्. 2.3.4.2.5

भृगु (पुं) = पर्वतात्पतनस्थानम्. 2.3.4.2.6

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