अमरकोषसम्पद्

         

मनुष्यवर्गः 2.6.86

प्रकोष्ठे विस्तृतकरे हस्तो मुष्ट्या तु बद्धया
स रत्निः स्यादरत्निस्तु निष्कनिष्ठेन मुष्टिना

हस्त (पुं) = विस्तृतकरः. 2.6.86.1.1

रत्नि (स्त्री-पुं) = बद्धमुष्टिहस्तः. 2.6.86.2.1

अरत्नि (स्त्री-पुं) = कनिष्ठिकायुक्तबद्धमुष्टिहस्तः. 2.6.86.2.2

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