अमरकोषसम्पद्

         

ब्रह्मवर्गः 2.7.22

ऋक्सामिधेनी धाय्या च या स्यादग्निसमिन्धने
गायत्रीप्रमुखं छन्दो हव्यपाके चरुः पुमान्

सामिधेनी (स्त्री) = अग्निसमिन्धने प्रयुक्ता ऋक्. 2.7.22.1.1

धाय्या (स्त्री) = अग्निसमिन्धने प्रयुक्ता ऋक्. 2.7.22.1.2

गायत्री (स्त्री) = गायत्रीच्छन्दः. 2.7.22.2.1

चरु (पुं) = हव्यपाकः. 2.7.22.2.2

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