अमरकोषसम्पद्

         

ब्रह्मवर्गः 2.7.35

वरिवस्या तु शुश्रूषा परिचर्याप्युपासना
व्रज्याटाट्या पर्यटनं चर्या त्वीर्यापथे स्थितिः

वरिवस्या (स्त्री) = उपासनम्. 2.7.35.1.1

शुश्रूषा (स्त्री) = उपासनम्. 2.7.35.1.2

परिचर्या (स्त्री) = उपासनम्. 2.7.35.1.3

उपासना (स्त्री-नपुं) = उपासनम्. 2.7.35.1.4

व्रज्या (स्त्री) = अटनम्. 2.7.35.2.1

अटाट्या (स्त्री) = अटनम्. 2.7.35.2.2

पर्यटन (नपुं) = अटनम्. 2.7.35.2.3

चर्या (स्त्री) = योगमार्गे स्थितः. 2.7.35.2.4

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