अमरकोषसम्पद्

         

ब्रह्मवर्गः 2.7.51

मध्येऽङ्गुष्ठाङ्गुल्योः पित्र्यं मूले त्वङ्गुष्ठस्य ब्राह्मम्
स्याद्ब्रह्मभूयं ब्रह्मत्वं ब्रह्मसायुज्यमित्यपि

पित्र्य (नपुं) = पितृतीर्थम्. 2.7.51.1.1

ब्राह्म (नपुं) = ब्राह्मतीर्थम्. 2.7.51.1.2

ब्रह्मभूय (नपुं) = ब्रह्मभावः. 2.7.51.2.1

ब्रह्मत्व (नपुं) = ब्रह्मभावः. 2.7.51.2.2

ब्रह्मसायुज्य (नपुं) = ब्रह्मभावः. 2.7.51.2.3

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