अमरकोषसम्पद्

         

ब्रह्मवर्गः 2.7.57

व्यवायो ग्राम्यधर्मो मैथुनं निधुवनं रतम्
त्रिवर्गो धर्मकामार्थैश्चतुर्वर्गः समोक्षकैः

व्यवाय (पुं) = मैथुनम्. 2.7.57.1.1

ग्राम्यधर्म (पुं) = मैथुनम्. 2.7.57.1.2

मैथुन (नपुं) = मैथुनम्. 2.7.57.1.3

निधुवन (नपुं) = मैथुनम्. 2.7.57.1.4

रत (नपुं) = मैथुनम्. 2.7.57.1.5

त्रिवर्ग (पुं) = धर्मकामार्थत्रिवर्गः. 2.7.57.2.1

चतुर्वर्ग (पुं) = धर्मार्थकाममोक्षचतुर्वर्गः. 2.7.57.2.2

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