अमरकोषसम्पद्

         

क्षत्रियवर्गः 2.8.103

वीरपानं तु यत्पानं वृत्ते भाविनि वारणे
युद्धमायोधनं जन्यं प्रधनं प्रविदारणम्

वीरपाण (नपुं) = युद्धारम्भे अन्ते वा पानकर्मः. 2.8.103.1.1

युद्ध (नपुं) = युद्धम्. 2.8.103.2.1

आयोधन (नपुं) = युद्धम्. 2.8.103.2.2

जन्य (पुं) = युद्धम्. 2.8.103.2.3

प्रधन (नपुं) = युद्धम्. 2.8.103.2.4

प्रविदारण (नपुं) = युद्धम्. 2.8.103.2.5

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