अमरकोषसम्पद्
amara
other koshas
shabda rupavali
apte etc
sambhashana sandesha
digital corpus
SARIT
Pandanus
previous
next
वैश्यवर्गः 2.9.52
घृतमाज्यं हविः सर्पिर्नवनीतं नवोद्घृतम्
तत्तु हैयङ्गवीनं यद्ध्योगोदोहोद्भवं घृतम्
घृत (नपुं) = घृतम्. 2.9.52.1.1
आज्य (नपुं) = घृतम्. 2.9.52.1.2
हविस् (नपुं) = घृतम्. 2.9.52.1.3
सर्पिस् (नपुं) = घृतम्. 2.9.52.1.4
नवनीत (नपुं) = अकृताग्निसंयोगनवोद्धृतम्. 2.9.52.1.5
हैयङ्गवीन (नपुं) = एकरात्रपर्युषिताद्दध्नोत्पन्नघृतम्. 2.9.52.2.1
- Show pada
- Show sloka
- Show varga
- Search amarakosha
- Search apte dictionary
- Play audio
- Copy link to clipboard
- Report an issue