अमरकोषसम्पद्

         

सङ्कीर्णवर्गः 3.2.12

उन्नाय उन्नये श्रायः श्रयणे जयने जयः
निगादो निगदे मादो मद उद्वेग उद्भ्रमे

उन्नाय (पुं) = उन्नयनम्. 3.2.12.1.1

उन्नय (पुं) = उन्नयनम्. 3.2.12.1.2

श्राय (पुं) = सेवा. 3.2.12.1.3

श्रयण (नपुं) = सेवा. 3.2.12.1.4

जयन (नपुं) = विजयः. 3.2.12.1.5

जय (पुं) = विजयः. 3.2.12.1.6

निगाद (पुं) = गदनम्. 3.2.12.2.1

निगद (पुं) = गदनम्. 3.2.12.2.2

माद (पुं) = आनन्दः. 3.2.12.2.3

मद (पुं) = आनन्दः. 3.2.12.2.4

उद्वेग (पुं) = उद्वेजनम्. 3.2.12.2.5

उद्भ्रम (पुं) = उद्वेजनम्. 3.2.12.2.6

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