अमरकोषसम्पद्

         

नानार्थवर्गः 3.3.173

मत्सरोऽन्यशुभद्वेषे तद्वत्कृपणयोस्त्रिषु
देवाद्वृते वरः श्रेष्ठे त्रिषु क्लीबं मनाक्प्रिये

मत्सर (पुं) = अन्यशुभद्वेषः. 3.3.173.1.1

मत्सर (वि) = अन्यशुभद्वेषबुद्धिः. 3.3.173.1.1

मत्सर (वि) = कृपणः. 3.3.173.1.1

वर (पुं) = देवाद्वृतः. 3.3.173.2.1

वर (नपुं) = मनाक्प्रियः. 3.3.173.2.1

वर (वि) = श्रेष्ठः. 3.3.173.2.1

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