अमरकोषसम्पद्

         

नानार्थवर्गः 3.3.181

मुखाग्रे क्रोडहलयोः पोत्रं गोत्रं तु नाम्नि च
सत्रमाच्छादने यज्ञे सदादाने वनेऽपि च

पोत्र (नपुं) = वराहमुखाग्रस्थसृङ्गः. 3.3.181.1.1

पोत्र (नपुं) = हलम्. 3.3.181.1.1

गोत्र (पुं) = नाम. 3.3.181.1.2

सत्र (नपुं) = आच्छादनम्. 3.3.181.2.1

सत्र (नपुं) = यज्ञः. 3.3.181.2.1

सत्र (नपुं) = सदादानम्. 3.3.181.2.1

सत्र (नपुं) = वनम्. 3.3.181.2.1

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