अमरकोषसम्पद्

         

अव्ययवर्गः 3.4.2

द्राग्झटित्यञ्जसाह्नाय द्राङ्मङ्क्षु सपदि द्रुते
बलवत्सुष्ठु किमुत स्वत्यतीव च निर्भरे

स्राक् (अव्य) = तत्क्षणम्. 3.4.2.1.1

झटिति (अव्य) = तत्क्षणम्. 3.4.2.1.2

अञ्जसा (अव्य) = तत्क्षणम्. 3.4.2.1.3

आह्नाय (अव्य) = तत्क्षणम्. 3.4.2.1.4

द्राक् (अव्य) = तत्क्षणम्. 3.4.2.1.5

मङ्क्षु (अव्य) = तत्क्षणम्. 3.4.2.1.6

सपदि (अव्य) = तत्क्षणम्. 3.4.2.1.7

बलवत् (अव्य) = अतिशयः. 3.4.2.2.1

सुष्ठु (अव्य) = अतिशयः. 3.4.2.2.2

किमुत (अव्य) = अतिशयः. 3.4.2.2.3

सु (अव्य) = अतिशयः. 3.4.2.2.4

अति (अव्य) = अतिशयः. 3.4.2.2.5

अतीव (अव्य) = अतिशयः. 3.4.2.2.6

निर्भर (वि) = अतिशयः. 3.4.2.2.7

- Show pada
- Show sloka
- Show varga
- Search amarakosha
- Search apte dictionary
- Play audio
- Copy link to clipboard
- Report an issue