अमरकोषसम्पद्

         

अव्ययवर्गः 3.4.6

दिवाह्नीत्यथ दोषा च नक्तं च रजनावपि
तिर्यगर्थे साचि तिरोऽप्यथ सम्बोधनार्थकाः

दिवा (अव्य) = दिवसः. 3.4.6.1.1

दोषा (अव्य) = रात्रिः. 3.4.6.1.2

नक्तम् (अव्य) = रात्रिः. 3.4.6.1.3

साचि (अव्य) = तिर्यक्. 3.4.6.2.1

तिरस् (अव्य) = तिर्यक्. 3.4.6.2.2

- Show pada
- Show sloka
- Show varga
- Search amarakosha
- Search apte dictionary
- Play audio
- Copy link to clipboard
- Report an issue