अमरकोषसम्पद्

         

पवन (पुं) == वायुः

नभस्वद्वातपवनपवमानप्रभञ्जनाः 
स्वर्गवर्गः 1.1.63.1.3

पर्यायपदानि
 श्वसनः स्पर्शनो वायुर्मातरिश्वा सदागतिः॥
 पृषदश्वो गन्धवहो गन्धवाहानिलाशुगाः।
 समीरमारुतमरुज्जगत्प्राणसमीरणाः॥
 नभस्वद्वातपवनपवमानप्रभञ्जनाः।

 श्वसन (पुं)
 स्पर्शन (पुं)
 वायु (पुं)
 मातरिश्वन् (पुं)
 सदागति (पुं)
 पृषदश्व (पुं)
 गन्धवह (पुं)
 गन्धवाह (पुं)
 अनिल (पुं)
 आशुग (पुं)
 समीर (पुं)
 मारुत (पुं)
 मरुत् (पुं)
 जगत्प्राण (पुं)
 समीरण (पुं)
 नभस्वत् (पुं)
 वात (पुं)
 +वाति (पुं)
 पवन (पुं)
 पवमान (पुं)
 प्रभञ्जन (पुं)
अर्थान्तरम्
 लवोऽभिलावो लवने निष्पावः पवने पवः।

 पवन (नपुं) - धान्यादीनाम् बहुलीकरणम् 3.2.24.1
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